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वो रोज सुबह मंदिर में आकर सांवले-सलोने श्री कृष्ण को भोग लगाता है. मैंने आज तक ऐसा एक दिन नहीं देखा जब उसने महाकाली की पूजा किए बिना एक निवाला भी मुंह में डाला हो लेकिन जब उसके लिए एक सांवली लड़की का रिश्ता आया तो उसने उसके बाकी गुणों को अनदेखा करके उसके गहरे रंग को देखकर शादी से इंकार कर दिया. कैलाश में विराजमान शिव शंकर को एक भक्त की यह कहानी बताते हुए देवी पार्वती जोर से हंस पड़ी. वहीं भोले शंकर भी इंसान के इस दोहरे मापदंड को सुनकर मुस्कुराए बिना नहीं रह सकें. तभी देवी पार्वती को याद आया आज तो कैलाश में मीटिंग बुलाई गई है जिसमें धरती के इंसानों के विभिन्न क्रियाकलापों पर चर्चा होनी है. कुछ ही देर में समस्त देवी-देवता कैलाश में मौजूद थे.
सबसे पहले हरियाणा निवासी कहर सिंह की सिफारिश लेकर नारद मुनि आगे आए, हाथ जोड़कर माता दुर्गा से बोले ‘माता ये भक्त पिछले 10 वर्षों से आपके हर नवरात्र में नौ दिन का व्रत रखता है. यहां तक की अपना पूरा दिन कीर्तनों में और रात जागरण में बिताता है. पर न जाने आपकी कृपा इस पर क्यों नहीं बरसी?’ नारद मुनि की ये बात सुनकर माता दुर्गा समेत सभी देवी-देवता और अन्य अतिथिगणों के चेहरे पर व्यंग्य वाली मुस्कान फैल गई. नारद को सच्चाई से वाकिफ करवाते हुए मां दुर्गा बोली ‘ये भक्त बेशक से नौ दिन का व्रत रखता है लेकिन इसने अपनी पांच अजन्मी बच्चियों को मारने के लिए अपनी पत्नी को मजबूर किया. इसके व्रत रखने से क्या फायदा जब आस-पास की युवा होती लड़कियों के प्रति इसकी नजरों में वासना और लालसा भरी रहती है. मुझे इसकी भक्ति पर हंसी आती है.’
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अपनी सिफारिश पर नारद मुनि ठगा-सा मुंह लेकर अपनी सीट पर विराजमान हो गए. इतने में श्री हनुमान ने एक और कथित भक्त के बारे में अपनी दुविधा अपने सामने रखी. उन्होंने बलबीर नामक एक भक्त के बारे में बताते हुए कहा ‘ये रोज मेरा नाम लेकर अपने दिन की शुरुआत करता है. शारीरिक रूप से भी यह इतना बलशाली है कि अपनी एक आवाज से किसी को भी डरा सकता है. मेरी भक्ति में ये इतना लीन रहता है कि आज तक विवाह नहीं किया.’ परंतु… कहते हुए हनुमान रूक गए. वहीं समस्त देवी-देवताओं को लगा कि उन्हें फाइनली अपना सच्चा भक्त मिल गया. लेकिन हनुमान की बात सुनकर सभी एक बार फिर हंसी से लोट-पोट होने को मजबूर हो गए. इतने में ज्ञान की देवी सरस्वती ने एक किस्सा सुनाया. चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ देवी ने कहा ‘एक अध्यापक रोज मेरे सामने शीश झुकाता है लेकिन उसे देखकर मेरी मुस्कान उस वक्त हंसी में बदल जाती है जब मैं उसे हर रोज अपने विद्यार्थियों को अपशब्द बोलते हुए देखती हूं. कभी-कभी तो वो ऐसी बातें को बोलता है जिनका मतलब भी उन मासूम बच्चों को पता नहीं है.
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कैलाश में अभी चर्चाओं का दौर चल ही रहा था कि हर दिल अजीज शिर्डी साईं ने अपनी दुविधा सांझा करते हुए कहा ‘ वो सभी को जाति-पाति भूलकर प्रेम करने का संदेश देता है, मानवता का पाठ पढ़ाता है लेकिन जब उसकी खुद की बेटी ने एक गैर धर्म के लड़के से शादी की तो उसने दोनों को भरी भीड़ में मौत के घाट उतारने में भी कोई गुरेज नहीं किया. इन सब में सबसे कमाल की बात ये है कि उसके किए इस घिनौने काम की गवाही देने वाला कोई नहीं था. क्योंकि उसकी छवि दुनिया वालों की नजर में बहुत पाक-साफ थी.’ आप ही बताएं मैं क्या करूं. शिर्डी साईं के इस भोले सवाल पर सभी देवी- देवता मुस्कुराए हुए नहीं रह सके. इन सभी बातों पर खुद देवतागण भी हैरान और परेशान थे. तभी नारद ने कुछ लोगों की लिस्ट चित्रगुप्त को थमाते हुए कहा ‘ इन लोगों को तो स्वर्ग में डायरेक्ट एंट्री देनी होगी प्रभु, क्योंकि कुछ दिन पहले ही इन सभी ने गाय को मारने भर की अफवाह सुनकर ही, एक पल की देरी किए बिना दंगे में कूद पड़े और अपने प्राण निछावर कर दिए. जरा सोचिए प्रभु जो गाय की रक्षा के लिए इतने तत्पर हैं कि महज अफवाह भर से जोश में निकल पड़े उनका दिल कितना बड़ा होगा.’
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नारद को उत्साहित देखकर चित्रगुप्त ने अजीब सी मुस्कान के साथ कहा ‘आप अपडेट नहीं हो. यह भू-लोक नहीं है, और ऐसे केस पेंडिंग नहीं रखता तुरंत कार्यवाही की जाती है. रही बात इनके काम की तो इन्होंने कभी भूख-प्यास से तड़प रही गाय की परवाह नहीं की, सड़क पर घूम रही गाय को धरती का बोझ कहकर आगे बढ़ गए, उनके लिए एक पल भी नहीं सोचा.. तो आपको नहीं लगता की धार्मिक उन्माद के पीछे कोई और भी कारण हो सकता है. आपको अगर इस केस की जांच-पड़ताल करनी है तो पिछले दिनों धरती पर क्या-2 हुआ, इसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास है. जब चाहे देख लो.’
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अब नारद मुनि को इंसानों की वजह से एक बार फिर से लज्जित होना पड़ा. वहीं दूसरे सभी महानुभाव एक-दूसरे को देखकर मुस्कान बिखेर रहे थे. इतने में चर्चा को खत्म करते हुए सभी अपने कामों में लग गए. रुकते तो शायद कितने ही किस्सों पर हंसते-2 उनके पेट में बल पड़ जाते, और कितने ही केस भी पेंडिंग रह जाते. आमतौर पर इंसान को कभी न कभी हंसते हुए देखा जाता है लेकिन इस बार आधुनिक हो चुके इंसान की दोहरी हरकतों पर हंसने की बारी भगवान की थी…Next
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