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पीएम इन वेटिंग के साथ चाय पीना कोई छोटी बात नहीं लेकिन मोदी जी की दानवीरता देखिए वे अपनी बड़ी सी ‘पीएम इन वेटिंग’ की हस्ती को चाय की दुकान वालों के साथ बैठकर चाय पीने के लिए कुर्बान कर रहे हैं. तो अब चाय की स्टॉल पर चाय बनाते हुए चायवालों, सतर्क हो जाओ! ‘पार्लियामेंट पहुंचने का शॉर्ट टर्म कोर्स’ सीखना है या नहीं!
हमेशा की तरह एक बार फिर हमारे बहुचर्चित ‘पीएम इन वेटिंग’ नरेंद्र मोदी जी चर्चा में हैं. वह इस बार खूनी पंजे के खतरों से आगाह नहीं कर रहे हैं बल्कि फुटपाथ पार्लियामेंट बनाने के लिए चर्चा में हैं. घबराइए मत केजरीवाल की तरह यहां हंगामा नहीं मचने वाला, भगदड़ नहीं मचेगी और आपके हाथ-पैर भी सलामत रहेंगे. दरअसल मोदी जी साधारण चाय बनाने वालों को हाइटेक चाय बनाने की सलाह दे रहे हैं.
पीएम इन वेटिंग के साथ चाय पीना कोई छोटी बात नहीं लेकिन मोदी जी की दानवीरता देखिए वे अपनी बड़ी सी ‘पीएम इन वेटिंग’ की हस्ती को चाय की दुकान वालों के साथ बैठकर चाय पीने के लिए कुर्बान कर रहे हैं. तो अब चाय की स्टॉल पर चाय बनाते हुए चायवालों, सतर्क हो जाओ! ‘पार्लियामेंट पहुंचने का शॉर्ट टर्म कोर्स’ सीखना है या नहीं!
चाय पीने वालों को भी निराश होने की जरूरत नहीं, आपको अपनी नौकरी छोड़कर चायवाला बनने की सलाह नहीं देंगे. चाय वाले चाय बनाते हुए सैटेलाइट, डीटीएच, इंटरनेट और मोबाइल के इस्तेमाल से चाय को और टेस्टी बनाया करेंगे और आप भी चाय पीते हुए आराम से उसमें सैटेलाइट, डीटीएच, इंटरनेट और मोबाइल का जायका लीजिए! मिला न मोदी जी का नायाब तोहफा. तो मोदी जी से नाराज मत होइए कि वे बस हर चीज चाय वालों के लिए ही कर रहे हैं. आपके लिए एकदम नायाब हाइटेक चाय का तोहफा है भई! मजे लीजिए इस बेहतरीन चाय के!
अब चर्चा करते हैं ‘चाय पर चर्चा’ के फायदों की
इसके केवल यही दोतरफा फायदे नहीं बल्कि चौतरफा फायदे हैं. चाय बनाने के हुनर में माहिर मोदी जी 2 करोड़ लोगों को न केवल चाय बनाने वालों को पार्लियामेंट में आने के गुर सिखाएंगे बल्कि चाय के साथ इंग्लिश की चीनी कैसे तैयार की जाती है यह भी सिखाएंगे. इस चाय चर्चा पर वे बड़े ही भोले अंदाज में अपने अंग्रेजी के शब्दों को चाय की चीनी में घोलकर बताते हैं कि किस तरह वे चाय बनाते हुए आगे आए और पार्लियामेंट तक पहुंच गए.
भले ही अभी तक मोदी जी प्रधानमंत्री बने नहीं हैं लेकिन प्रधानमंत्री की दावेदारी लेना भी कोई छोटी बात नहीं! चार बार लगातार दूध संपदा में धनी गुजरात को अपनी मीठी चाय से प्रभावित करना और मुख्यमंत्री बनना भी आसान नहीं है. इसलिए ‘चाय की चर्चा’ मीटिंग में मोदी जी अपने ‘देश की मनी’ को ‘ब्लैक मनी’ बनाकर बाहर रखने वालों के इन काले कारनामों को कैसे हराया जाय और कैसे उस ब्लैक मनी को व्हाइट मनी कर देश में पाई-पाई रुपया वापस लाया जाय यह भी सिखाएंगे. इतना ही नहीं इस शॉर्ट टर्म कोर्स में पर्लियामेंट तक पहुंचने के लिए किस प्रकार की शक्कर और गुड़ इस्तेमाल कर लोगों को प्रभावित करना चाहिए, किस प्रकार वादे करने चाहिए यह भी सिखाया जाएगा. तो सभी चाय वालों, तैयार हो जाओ! अगर फुटपाथ पार्लियामेंट बनाना है तो मोदी जी की ‘हाइटेक चाय चर्चा’ में शामिल होना है.
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