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वैसे भारत के राजनैतिक हालात जितने मजेदार हैं इससे ज्यादा कुछ और नहीं हो सकता. अब यह तो हम भली प्रकार समझते हैं कि जोड़तोड़ की राजनीति जितनी अच्छी तरह करना हम जानते हैं किसी और देश के नेता होते तो पहली सीढ़ी पर ही अपने हाथ-पांव फुलाकर बैठ जाते. अब देखिए ना, एनडीए से नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू को लेकर अलग क्या हुए उनकी फील्डिंग करने के लिए कांग्रेसियों ने अपनी-अपनी पोजीशन संभाल ली. नीतीश कुमार की जरूरत अब कांग्रेस इस कदर महसूस करने लगी है कि उन्हें अपनी बातों के जाल में फंसाने के लिए कोई छोटा-मोटा प्यादा नहीं बल्कि कांग्रेस ने अपने सेनापति को ही तैनात कर दिया है. तभी तो आजकल हमारे माननीय प्रधानमंत्री ही नीतीश कुमार के गुणगान करने में लगे हैं.
एक समय था जब इन तारीफों पर सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी का हक था. आपको याद ही होगा कि कैसे कुछ समय पहले कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी मोदीमय हो गए थे. जगह-जगह जाकर केवल मोदी के गुजरात मॉडल का ही गुणगान कर रहे थे. लेकिन अब जब मोदी को यूपीए के विरोधी दल एनडीए ने प्रधानमंत्री पद का लॉलीपॉप देकर अपने पास संभाल कर रख ही लिया है तो उन्हें अपने पाले में करने का कोई और तरीका तो होगा नहीं इसीलिए भागते भूत की लंगोटी ही सही जैसी कहावत को सिद्ध करते हुए मनमोहन सिंह जो हाथ आ रहा है उसे गंवाने के मूड में बिल्कुल नजर नहीं आ रहे. वैसे भी कांग्रेस की नैया भी तो भंवर में ही गोते खा रही है. धीरे-धीरे कर उनके साथियों का भी तो उन पर से विश्वास उठता ही जा रहा है. ऐसे में भले ही कांग्रेस जैसे विशाल पार्टी के लिए जद(यू) एक तिनका मात्र ही सही लेकिन कभी-कभी डूबते को तिनके का सहारा ही बहुत होता है.
अब नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी करवाएंगे शादी !!
वैसे तो एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार को भी एक सहारे की जरूरत है और अगर वह सहारा उन्हें कांग्रेस की शक्ल में मिल जाए तो इससे बेहतर उनके लिए तो कुछ और हो नहीं सकता. वैसे भी बागियों और दूसरे दलों के लोगों के लिए अपने द्वार हमेशा खोले रखना कांग्रेस की एक बहुत बड़ी खासियत रही है और हो सकता है अपनी इस खासियत का फायदा कांग्रेस जल्द ही नीतीश कुमार को अपने साथ मिलाकर उठाए. लेकिन नीतीश अब अकेले खुद को साबित करने के मूड में हैं या फिर एक सहारे की तलाश में हैं यह तो उन पर निर्भर है, बहरहाल आगे आना वाला समय काफी उठा-पटक भरा होने वाला है इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
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