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मेरे पास तो मारकंडेय काटजू हैं….!!

कटाक्ष
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कहते हैं जिसका कोई नहीं उसका खुदा होता है, लेकिन 1993 के मुंबई ब्लास्ट के संबंध में अवैध हथियार रखने के दोषी संजय दत्त, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल की कैद की सजा सुनाई है, के लिए तो मारकंडेय काटजू ही खुदा बनकर अवतरित हुए हैं.


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1993 में जब मुंबई अंडरवर्ल्ड द्वारा किए गए बम धमाकों से पूरी तरह सहम गया था उस समय फिल्म स्टार संजयदत्त के पास से एके-56 जैसे खतरनाक हथियार पाए गए थे. लाख कोशिशें की संजय दत्त ने लेकिन मुंबई हमलों के दाग ने उनका पीछा नहीं छोड़ा.



पहले टाडा के अंतर्गत जेल में गए और फिर 18 महीने का जेल हॉलिडे मनाकर घर वापस लौट आए. समय बीतता गया, इस दौरान संजय दत्त ने कई हिट फिल्में दीं, शादी भी की और पिता भी बने. लेकिन अब फिर से गुनाहों की तलवार उनके सिर पर लटक रही है. सुप्रीम कोर्ट ने एक महीने के भीतर उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया है.


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वैसे आपको नहीं लगता कि एक महीने का समय कोई भी रणनीति बनाने के लिए काफी है. अरे भई रणनीति, खुद को महान और कानून का पालन करने वाला दिखाने के लिए बनाई जाने वाली रणनीति.



आपको शायद पता ना हो लेकिन मुन्ना भाई यह कह चुके हैं कि वह सजा कम करवाने या माफ करवाने जैसी कोई अपील नहीं करेंगे. वह कानून का सम्मान करते हैं और उन्हें जो सजा दी गई है वह उसका पालन करेंगे. लेकिन बेचारे संजय दत्त को कहां कोई आराम से जीने देगा. अब देखिए उनका मन तो है एक लंबी ट्रिप पर जेल जाने का. लेकिन उनके शुभचिंतकों जैसे हमारे कुछ प्रिय राजनीतिज्ञ और मुख्य तौर पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष काटजू ने तो यह प्रण ले ही लिया है कि वह संजय दत्त को फिल्मों से दूर नहीं जाने देंगे. काटजू तो पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि संजय को जेल नहीं होनी चाहिए. काटजू तो संजय की माफी की गुहार राज्यपाल तक से लगा चुके हैं. अब इसे काटजू का सोशल वर्क कहें या फिर मुन्नाभाई के प्रति उनका लगाव लेकिन वह अपने स्टैंड पर अटल हैं, वह किसी भी हाल में संजय दत्त को बचाकर ही रहेंगे.


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अब आपको लग रहा होगा कि इसमें संजय दत्त की क्या गलती. अगर जनता और उनके फैन उन्हें वापस लाना चाहते हैं और कोई विशिष्ट व्यक्ति उनकी तरफ से तो अपील दायर करना चाहता है तो इसमें उनकी भूमिका तो कुछ नहीं है. लेकिन आप शायद ऊपर लिखी गई रणनीति को फिर भूल गए. यही तो वो रणनीति है जिसके तहत संजय दत्त को महान भी बनाया जा रहा है और बचाने की मुहिम भी छेड़ दी है. हैरानी की बात तो यह है कि इस मुहिम के साथ आम जनता को भी शामिल किया गया है. अरे आप खुश मत होइए, आपके पास कोई संजय दत्त की अपील लेकर नहीं आने वाला. हां, अगर आप संजय दत्त के फैन हैं और उन चंद लकी लोगों में से हैं जिन्हें संपूर्ण जनाधार मानकर संजय दत्त की सजा माफी पर हस्ताक्षर लिए जाएंगे तो बात और है.



संजय बार बार कह रहे हैं कि उनके अलावा बहुत से लोग हैं जिन्हें माफी मिलनी चाहिए, इसीलिए वे माफी के लिए कोई अपील नहीं करेंगे. लेकिन उन्हें क्या पता संजू बाबा तो एक ही हैं, आम जनता में तो एक जैसे हजारों लोग मिल जाएंगे. किसे फिक्र है उनकी. लेकिन अगर संजय दत्त को कुछ हो गया तो क्या होगा उनका जिन्होंने संजू को अपनी फिल्म के लिए साइनिंग अमाउंट दिया हुआ है? अरे भई आप फिल्में देखते हैं तो आपकी भी तो कोई जिम्मेदारी बनती है अपने स्टार्स के लिए. आखिर ऐसे कैसे उन्हें जेल होने देंगे.


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