Menu
blogid : 12847 postid : 27

न तड़पने की इजाजत थी, न फरियाद की थी

कटाक्ष
कटाक्ष
  • 82 Posts
  • 42 Comments

समकालीन दौर में राजनीति वो तंत्र है जो किसी भी रोजगार से ज्यादा मुनाफा पहुंचाती है. आखिर राजनीति इतनी मजबूर क्यों है इस प्रश्न का जवाब शायद आसानी से नहीं मिल सकता और खास कर उस देश में जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हो और कोई भी लोकतंत्र पूरी तरह से राजनीति पर ही निर्भर रहता है. भाजपा की एक बैठक में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को क्लीन चिट मिलना शायद एक अच्छा उदाहरण है इस बात का कि भारत की राजनीति भारत को लोकतंत्र से कहीं राजतंत्र में तो परिणत कर रही है. जैसा कि किसी भी राजतंत्र में यह विकल्प नहीं होता है कि आम जनता किसी भी बात पर तर्क या प्रतिवाद करे अब शायद यह भारत में भी हो रहा है.


Read:हाज़िर है एक और…..


इनके साथ भी वही होना चाहिए

भारत का न्यायिक कानून कहने को तो सभी आम और खास लोगों पर समान रूप से लागू होता है किंतु व्यवहार में यह केवल आम लोगों पर ही लागू होता है क्योंकि खास लोग तो कानून अपने डंडे से हांकते हैं. क्या उनके लिए यह कानून नहीं बना है? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर शायद ढूंढ़ने में काफी दिक्कत होगी और इसके साथ-साथ यह भी मान लेना चाहिए कि यह सदैव एक अनुत्तरित प्रश्न ही रहेगा. एक पंक्ति याद आती है स्वामी सहजानन्द की जो शायद आम लोगों के लिए ही कही गई है:


न तड़पने की इज़ाज़त थी, न फरियाद की थी

घुट कर मर जाए, मर्जी यही सय्याद की थी.



क्यों ये बच जाते हैं

सत्ता में रहने का सबसे अच्छा फायदा यही है कि आपके भीतर का डर खत्म हो जाता है. यह एक ऐसा डर है जो मनुष्य को मनुष्य बने रहने में मदद करता है. चाहे वो चारा घोटाला हो या 2 जी ये कभी भी उस तथ्य से रूबरू नहीं हो पाते हैं जो एक असली चेहरा होता है ऐसे लोगों के लिए. इनके बचने का एक कारण यह भी है कि सारे जांच आयोग तो इनके इशारों पर नाचते हैं चाहे वो इस देश की सबसे बड़ा आयोग ही क्यों ना हो. एक बात और सामने आ रही है कि अगर गडकरी पर जांच की जाती है तो कांग्रेस के दामाद पर क्यों ठंडा पड़ गया सत्ता पक्ष. अपने बचाव के लिए दूसरे की ओर इस निगाह से देखना कि कब उस खेमे से कोई ऐसा मामला बाहर आए जिससे अपनी आग को बुझाया जा सके तो ऐसे में इस तरह की राजनीति इस देश को कहां लेकर जाएगी इसका अनुमान आप लगा ही सकते हैं.


Read:यह ठीक हो कर आए हैं !!


Tags:Nitin Gadkari, Robert Vadra, BJP, Congress, Nitin Gadkari Scam, India, नितिन गडकरी, भारत, भाजपा, कांग्रेस, राबर्ट वाड्रा, घोटाले

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh